| शब्द का अर्थ | 
					
				| देवर					 : | पुं० [सं०√दिव्+अर] [स्त्री० देवरानी] १. विवाहिता स्त्री की दृष्टि से उसके पति का छोटा भाई। २. पति का कोई भाई, चाहे उससे छोटा हो या बड़ा। (क्व०) ३. रहस्य संप्रदाय में (क) भ्रम या संशय, (ख) कामदेव। | 
			
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				| देवरक्षिता					 : | स्त्री० [सं०] देवक राजा की एक कन्या। | 
			
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				| देवरा					 : | पुं० [सं० देव] [स्त्री० अल्पा० देवरी] १. छोटा-मोटा देवता। २. उक्त प्रकार के देवता का मंदिर। ३. ऊँचे शिखरवाला देवमंदिर। ४. किसी महापुरुष की समाधि। पुं० [?] एक प्रकार का पटसन जिससे रस्सयाँ बनती हैं। | 
			
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				| देवराज					 : | पुं० [ष० त०] देवताओं के राजा, इंद्र। | 
			
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				| देवरानी					 : | स्त्री० [हिं० देवर] देवर अर्थात् पति के छोटे भाई की स्त्री। स्त्री० देवराज इंद्र की पत्नी शची। इंद्राणी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| देवराय					 : | पुं०=देवराज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| देवरी					 : | स्त्री० [हि० देवरा] छोटी-मोटी देवी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| देवर्द्धि					 : | पुं० [सं०] जैनों के एक प्रसिद्ध स्थविर जिन्होंने जैन सिद्धान्त लिपिबद्ध किये थे। | 
			
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				| देवर्षि					 : | पुं० [सं० देवऋषि ष० त०] देवताओं में ऋषि। जैसे—नारद। | 
			
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