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			| शब्द का अर्थ |  
				| देहली-दीपक					 : | पुं० [मध्य० स०] १. देहरी पर रखा हुआ दीपक जो भीतर बाहर दोनों ओर प्रकाश फैलाता है। २. उक्त के आधार पर प्रचलित एक न्याय का सिद्धान्त जिसका प्रयोग ऐसे अवसरों पर होता है जहाँ एक चीज या बात दोनों पक्षों पर प्रकाश डालती हो। ३. साहित्य में, एक अर्थालंकार जिसमें किसी एक बीचवाले शब्द का अर्थ पहले और बाद के अर्थात् दोनों पदों में समान रूप से लगता हो। जैसे—हम न आप में ‘न’ जिसके कारण पद का अर्थ होता है—न हम और न आप। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |