| शब्द का अर्थ | 
					
				| दोसा					 : | पुं० [देश०] जल में होनेवाली एक तरह की घास जिसमें एक प्रकार के दाने अधिकता से होते हैं। पुं० [?] मदरास देश में बननेवाला एक प्रकार का पकवान जो उलटे या चीले की तरह होता है और जिसके अन्दर कुछ तरकारियाँ आदि भरी होती हैं। स्त्री०=दोषा (रात)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| दोसाध					 : | पुं०=दुसाध। | 
			
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				| दोसाल					 : | पुं० [?] एक तरह का हाथी। | 
			
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				| दोसाला					 : | वि० [हिं० दो+साल=वर्ष] १. जिसकी अवस्था दो वर्ष की हो। २. जिसके दो वर्ष बीत चुके हों। ३. (विद्यार्थी) जो दो वर्षों तक प्रायः अनुत्तीर्ण होने के कारण एक ही कक्षा में रहे। | 
			
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				| दोसाही					 : | वि० [हिं० दो+?] (जमीन) जिसमें साल में दो फसलें पैदा हों। दो-फसला। | 
			
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