| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| द्वार-छेंकाई					 : | स्त्री० [हिं० द्वार+छेंकना=रोकना] १. विवाह के समय की एक रीति, जो विवाह कर के वधू समेत अपने घर आने पर होती है। इसमें बहन वर और वधू का रास्ता रोककर खड़ी हो जाती और कुछ पाने पर रास्ता छोड़ती है। २. उक्त अवसर पर बहन को मिलनेवाला धन या नेग। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |