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			| शब्द का अर्थ |  
				| द्विगु					 : | वि० [ब० स०] जिसके पास दो गौएँ हों। पुं० तत्पुरुष समास का एक भेद जिसमें पूर्वपद संख्या वाचक होता है। जैसे—त्रिभुवन, पंचकोण, सप्तदशी आदि। विशेष—पाणिनि ने इसे कर्मधारय के अंतर्गत रखा है; पर और लोग इसे स्वतंत्र समास मानते हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| द्विगुण					 : | वि० [सं० द्वि√गुण (गुणा करना)+अच् (कर्म में)] दुगना। दूना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |