| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| नाट्यालंकार					 : | [पुं० नाट्य-अलंकार, ष० त०] अभिनय या नाटक का सौंदर्य बढ़ानेवाली वे विशिष्ट बातें, जिन्हें साहित्यकारों ने उनके अलंकार के रूप में माना है। विशेष–साहित्य-दर्पण में ये ३३ नाट्यालंकार कहे गए हैं–आशीर्वाद, अक्रेंद, कपट, अक्षमा, गर्व, उद्यम, आश्रय, उत्प्रासन, स्पृहा, क्षोभ, पश्चात्ताप, उपयति, आशंसा, अध्यवसाय, विसर्प, उल्लेख, उत्तेजन, परीबाद, नीति, अर्थ विशेषण, प्रोत्साहन, सहाय्य, अभिमान, अनुवृत्ति, उतकीर्तन, यांचा, परिहार, निवेदन, पवर्तन, आख्यान, युक्ति, प्रहर्ष और शिक्षा। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |