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			| शब्द का अर्थ |  
				| नाड़ी-चक्र					 : | पुं० [सं०] १. हठयोग के अनुसार नाभिदेश में कल्पित एक अंडाकार गाँठ, जिससे निकलकर सब नाड़ियाँ फैली हुई मानी गई हैं। २. फलित ज्योतिष में वह चक्र जो वैवाहिक गणना के लिए बनाया जाता है और जिसके भिन्न-भिन्न कोष्ठों में भिन्न-भिन्न नक्षत्रों के नाम लिखे होते हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |