| शब्द का अर्थ | 
					
				| निकष					 : | पुं० [सं० नि√कष् (पीसना)+घ] १. कसने, घिसने, रगड़ने आदि की क्रिया या भाव। २. सान, जिस पर रगड़ हथियारों की धार तेज की जाती है। ३. कसौटी, जिस पर परखने के लिए सोना कसा या रगड़ा जाता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निकषण					 : | पुं० [सं० नि√कष्+ल्युट्–अन] १. कसने, घिसने, रगड़ने आदि की क्रिया या भाव। २. हथियारों की धार तेज करने के लिए उन्हें सान पर चढ़ाना। ३. परखने के लिए कसौटी पर सोना कसना या रगड़ना। ४. गुण, योग्यता, शक्ति आदि परखने की क्रिया या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निकषा					 : | स्त्री० [सं० नि√कष् (हिंसा)+अच्–टाप्] रावण की माता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निकषात्मज					 : | पुं० [सं० निकषा+आत्मज, ष० त०] १. राक्षस। २. रावण अथवा उसका कोई भाई। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निकषोपल					 : | पुं० [सं० निकष-उपल. मध्य० स०] १. कसौटी (पत्थर)। २. कोई ऐसा साधन जिससे कोई चीज परखी जाय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |