| शब्द का अर्थ | 
					
				| निगद					 : | पुं० [सं० नि√गद् (कहना)+अप्] १. कहना या बोलना। भाषण। २. उक्ति। कथन। ३. ऐसा जप जिसका उच्चारण जोर-जोर से किया जाय। ४. पढ़ने का वह ढंग जिसमें कोई पाठ बिना अर्थ समझे हुए पढ़ा या रटा जाता है। | 
			
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				| निगदन					 : | पुं० [सं० नि√गद्+ल्युट्–अन] १. कहना। २. रटा, सीखा या स्मरण किया हुआ पाठ दोहराना। | 
			
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				| निगदित					 : | भू० कृ० [सं० नि√गद्+क्त] जिसका निरादर किया गया हो। | 
			
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