| शब्द का अर्थ | 
					
				| निदान					 : | पुं० [सं० नि√दा देनावा√दो (छेदन)+ल्युट्–अन] १. किसी क्रिया का कारण विशेषतः कोई मूल और प्रमुख कारण। २. चिकित्सा-शास्त्रों में, यह निश्चय करना कि (क) रोगी को कौन रोग है। और (ख) इस रोग का मूल और प्रमुख कारण क्या है। (डायग्नोसिस) ३. उक्त विषय की विद्या या शास्त्र। निदानशास्त्र। (इटियॉलाजी) ४. अंत। अवसान। ५. घर। ६. स्थान। जगह। अव्य० १. अंत में। २. इसलिए। | 
			
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				| निदान-गृह					 : | पुं० [ष० त०] वह चिकित्सालय, जहाँ रोगियों के रोगों का निदान होता या पहचान की जाती है। (क्लीनिक) | 
			
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				| निदानज्ञ					 : | पुं० [सं० निदान√ज्ञा (जानना)+क] वह चिकित्सक जो निदान-शास्त्र का ज्ञाता हो; और फलतः रोगों का ठीक निदान करता हो। (पैथालोजिस्ट) | 
			
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				| निदान-शास्त्र					 : | पुं० [ष० त०] वह शास्त्र जिसमें रोगों के निदान या पहचान का विवेचन होता है। (इटियॉलोजी) | 
			
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