| शब्द का अर्थ | 
					
				| निर्यात					 : | पं० [सं० निर्√या+क्त] १. माल बाहर भेजने की क्रिया या भाव। २. किसी देश की दृष्टि में उसका वह माल जो विदेशों में बिक्री के लिए भेजा जाय। (एक्सपोर्ट) | 
			
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				| निर्यातक					 : | वि० [सं० निर्यात+णिच्+ण्वुल्–अक] जो वस्तुओं का निर्यात करता हो। बिक्री के लिए माल विदेश भेजनेवाला। (एक्सपोर्टर) | 
			
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				| निर्यात-कर					 : | पुं० [ष० त०] निर्यात शुल्क। (दे०) | 
			
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				| निर्यातन					 : | पुं० [सं० निर्√यत (प्रयत्न)+णिच्+ल्युट्–अन] १. निर्यात करने की क्रिया या भाव। २. प्रतिकार करना। बदला चुकाना। ३. ऋण चुकाना। ४. मार डालना। वध। | 
			
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				| निर्यात-शुल्क					 : | पुं० [सं० ष० त०] वह शुल्क जो देश से वस्तुओं का निर्यात करने के समय चुकाना पड़ता हो। (एक्सपोर्ट ड्यूटी) | 
			
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				| निर्याति					 : | स्त्री० [सं० निर्√या+क्तिन्] १. बाहर जाने या निकलने की क्रिया या भाव। २. मृत्यु। | 
			
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