| शब्द का अर्थ | 
					
				| निव					 : | पुं० [सं० नि√पा (पीना)+क] १. कलस। २. [नीप पृषो० सिद्धि] कदम (वृक्ष)। | 
			
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				| निविवेक					 : | वि० [सं० निर्-विवेक, ब० स०] [भाव० निर्विवेकता] विवेक-रहित। | 
			
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				| निवृत्त					 : | वि० [सं० निर्√क्त (बरतना)+क्त] [भाव० निर्वत्ति] १. वापस आया या लौटा हुआ। २. निष्पन्न। | 
			
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				| निवछरा					 : | वि० [सं० निवृत्त] (ऐसा समय) जिसमें करने के लिए कोई काम-काज न हो। | 
			
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				| निवछावर					 : | स्त्री०=निछावर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवड़िया					 : | स्त्री० [हिं० नावर] छोटा नवाड़ा (नाव)। | 
			
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				| निवत्त					 : | वि०=निवृत्त। | 
			
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				| निवना					 : | अ०=नवना (झुकना)। | 
			
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				| निवपन					 : | पुं० [सं०] १. पितरों आदि के उद्देश्य से दान करना। २. वह पदार्थ जो पितरों के उद्देश्य से दान किया जाय। | 
			
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				| निवर					 : | वि० [सं० नि√वृ (रोकना)+अच्] १. निवारण करनेवाला। २. रोकनेवाला। पुं० आवरण। परदा। | 
			
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				| निवरा					 : | वि० स्त्री० [सं० नि√वृ (वरण)+अप्–टाप्] जिसका वर या पति न हो; अर्थात् कुँआरी। | 
			
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				| निवर्तक					 : | वि० [सं० नि√वृत् (बरतना)+णिच्+ण्वुल्–अक] निर्वर्तन करनेवाला। | 
			
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				| निवर्तन					 : | पुं० [सं० नि√वृत्+णिच्–ल्युट्–अन] १. घूम-फिरकर अपने पहले स्थान पर आना। वापस आना। लौटना। २. फिर घटित न होना। अन्त या समाप्ति न होना। ३. किसी काम या बात से अलग या दूर रहना। बचना। ४. कार्य अथवा क्रिया से रहित या शून्य होना। ५. आगे न बढ़ने देना। रोक रखना. ६. आजकल न्यायालय की वह प्रक्रिया जो किसी बने हुए विधान को रद या समाप्त करने के लिए होती है। कानून या विधान रद करना। (रिपील) ७. अन्दर की ओर घूमना या मुड़ना। ८. वह अंग या पदार्थ जो अन्दर की ओर घूम या मुड़कर बना हो। ९. कोई ऐसी क्रिया, जो अन्त या ह्रास की ओर ले जाती हो। अन्त या समाप्ति निकट लानेवाली क्रिया। १॰. अरविंद-दर्शन में, चेतना का क्रमशः अन्तर्निहित या तिरोभूत होना जिसके द्वारा अनन्त भागवत चेतना का अन्त होता है। ‘विवर्तन’ का विपर्याय। (इन्वोल्यूशन; अंतिम चारों अर्थों के लिए) ११. जमीन की एक पुरानी नाप जो २॰ लट्ठों की होती थी। | 
			
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				| निवर्तित					 : | भू० कृ० [सं० नि√कृत+णिच्+क्त] १. लौटा या लौटाया हुआ। २. जिसका निवर्तन हुआ हो। रद। | 
			
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				| निवर्ती (र्तिन्)					 : | पुं० [सं० नि√वृत्+णिनि] १. वह जो पीछे की ओर हट आया हो। २. वह जो युद्ध क्षेत्र से भाग आया हो। वि०=निर्लिप्त। | 
			
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				| निवसति					 : | स्त्री० [सं० नि√वस् (बसना)+अतिच्] रहने का स्थान। घर। | 
			
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				| निवसथ					 : | पुं० [सं० नि√वस्+अथच्] १. गाँव। २. सीमा। हद। | 
			
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				| निवसन					 : | पुं० [सं० नि√वस्+ल्युट्–अन] १. निवास करने की क्रिया या भाव। २. निवास के योग्य अथव निवास का स्थान। जैसे–गाँव का घर। ३. वसन। वस्त्र। कपड़ा। ४. स्त्रियों के पहनने का अधोवस्त्र। | 
			
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				| निवसना					 : | अ० [सं० निवास] निवास करना। रहना। | 
			
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				| निवह					 : | पुं० [सं० नि√वह्+घ] १. समूह। यूथ। २. सात वायुओं में से एक वायु। | 
			
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				| निवाई					 : | वि० [सं० नव] १. नवीन। नया। २. अनोखा। विलक्षण। स्त्री० नयापन। नवीनता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [?] १. गरमी। ताप। २. ज्वर। बुखार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवाकु					 : | वि० [सं० नि√वच् (बोलना)+घुण्] चुप। मौन। | 
			
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				| निवाज					 : | वि०=नवाज। (देखें) स्त्री०=नमाज़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवाजना					 : | स० [फा० निवाज़] अनुग्रह या प्रार्थना करना। | 
			
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				| निवाजिश					 : | स्त्री० [फा०] १. अनुग्रह। कृपा। २. दया। मेहरबानी। | 
			
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				| निवाड़					 : | स्त्री०=निवार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवाड़ा					 : | पुं० १.=नवाड़ा। २.=नावर (नावों की क्रीड़ा)। | 
			
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				| निवाड़ी					 : | स्त्री०=निवारी। | 
			
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				| निवाण					 : | स्त्री० [सं० निम्न] नीची या ढालुई जमीन। | 
			
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				| निवात					 : | पुं० [सं० नि√वा (गति)+क्त] १. रहने का स्थान। घर। २. ऐसा कवच या वर्म जो शास्त्रों से छेदा न जा सके। ३. सुरक्षित स्थान। ४. शांति। वि०=निर्वात। | 
			
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				| निवान					 : | पुं० [सं० निम्न] १. नीची जमीन जहाँ सीड़, कीचड़ या पानी भरा रहता हो। २. झील या तालाब। पुं०=नवान्न।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवाना					 : | वि० [स्त्री० निवानी]=निमाना। उदा०–हरीचन्द नित रहत दिवाने, सूरज अजब निवानी के।–भारतेन्दु। स०=नवाना (झुकाना)। | 
			
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				| निवान्या					 : | स्त्री० [सं० नि√वा+क=निव (पीनेवाला)–अन्य ब० स०, टाप्] वह मृतवत्सा जौ जो दूसरी गाय के बछड़े को लगाकर दूही जाय। | 
			
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				| निवार					 : | स्त्री० [फा० नवार] मोटे सूत की बनी हुई तीन-चार अंगुल चौड़ी वह पट्टी जिससे पलंग बुने जाते हैं। स्त्री० [सं० नेमि+आर] पहिए की तरह की लकड़ी का वह गोल चक्कर जो कूएँ की नींव में धँसाया जाता है जिसके ऊपर कोठी की जोड़ाई होती है। जमावट। पुं० [सं० नीवार] तिन्नी का धान। स्त्री० [?] एक प्रकार की बड़ी और मोटी मूली। | 
			
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				| निवारक					 : | वि० [सं० नि√वृ (रोकना)+णिच्+ण्वुल्–अक] १. निवारण करनेवाला। २. दूर करने, रोकने या हटानेवाला। | 
			
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				| निवारण					 : | पुं० [सं० नि√वृ+णिच्+ल्युट्–अन] १. किसी की बढ़ने या फैलने से रोकना। २. दूर करना। हटाना। ३. आनेवाली बाधा या संकट को बीच में ही रोकने के लिए किया जानेवाला प्रयत्न। रोक-थाम। (प्रिवेन्शन) ४. निषेध। मनाही। ५. छुटकारा। निवत्ति। | 
			
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				| निवारन					 : | पुं०=निवारण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| निवारना					 : | स० [सं० निवारण] १. निवारण करना। २. संकट आदि दूर करना, रोकना या हटाना। ३. संकट आदि से किसी को बचाना या उसकी रक्षा करना। ४. कोई काम या बात टालते या रोकते हुए समय बिताना। ५. निषेध करना। मना करना। | 
			
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				| निवार-बाफ					 : | पुं० [फा० नवार+बाफ़=बुननेवाला] [भाव० निवार-बाफी] निवार अर्थात पलंग बुनने की सूत की पट्टी बुननेवाला जुलाहा। | 
			
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				| निवारी					 : | स्त्री० [सं० नेपाली या नेमाली] १. चैत में फूलनेवाला जूही की जाति का सुगंधित फूलोंवाला एक पौधा। २. इस पौधे के फूल जो सफेद और सुगंधित होते हैं। वि० [हिं० निवार] १. निवार-संबंधी। निवार का। २. निवार से बुना हुआ। जैसे–निवारी पलंग। | 
			
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				| निवाला					 : | पुं० [फा० निवालः] कौर। ग्रास। | 
			
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				| निवास					 : | पुं० [सं० नि√वस+घञ्] १. किसी स्थान को अपना घर बनाकर वहाँ बसने या रहने की क्रिया या भाव। वास। जैसे–आज-कल आप प्रयाग में निवास करते हैं। २. उक्त प्रकार से बसकर रहने का स्थान। ३. विश्राम करने का स्थान। ४. घर। मकान। ५. भौगोलिक दृष्टि से ऐसा स्थान, जहाँ किसी जाति के जीव रहते या कोई वनस्पति होती हो। ६. पहनने के वस्त्र। पोशाक। | 
			
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				| निवासन					 : | पुं० [सं० निवसन] १. किसी स्थान पर निवास करना या बसकर रहना। २. घर। मकान। ३. समय बिताने की क्रिया या भाव। | 
			
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				| निवास-स्थान					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. वह स्थान जहाँ कोई व्यक्ति निवास करता या रहता हो। रहने की जगह। २. घर। मकान। | 
			
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				| निवासित					 : | भू० कृ० [सं० नि√वस्+णिच+क्त] १. (स्थान) जो आबाद किया गया हो। बसाया हुआ। २. बसा हुआ। | 
			
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				| निवासी (सिन्)					 : | वि० [सं० नि√वस्+णिनि] (स्थान-विशेष में) रहने या निवास करनेवाला। जैसे–भारत निवासी या लंका निवासी। | 
			
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				| निवास्य					 : | वि० [सं० नि√वस्+ण्यत्] (स्थान) जहाँ निवास किया जा सकता हो या किया जाने को हो। रहने के योग्य। निवास-स्थान के रूप में काम आने के योग्य। | 
			
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				| निविड़					 : | वि० [सं० नि√विड् (संघात)+क] [भाव० निविड़ता] १. जिसमें अवकाश या स्थान न हो। २. घना। सघन। ३. गंभीर। ४. भारी डील-डौलवाला। ५. चिपटी, टेढ़ी या दबी हुई नाकवाला। | 
			
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				| निविड़ता					 : | स्त्री० [सं० निविड़+तल–टाप्] १. निविड़ होने की अवस्था या भाव। घनापन। २. गंभीरता। ३. वंशी के पाँच गुणों में से एक जो उसके स्वर की गंभीरता पर आश्रित होता है। | 
			
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				| निविद्धान					 : | पुं० [सं० निविद√धा (धारण)+ल्युट्–अन] एक दिन में समाप्त होनेवाला यज्ञ। | 
			
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				| निविरीष					 : | वि० [सं० नि+विरीसच्] १. घना। २. गहरा। ३. भद्दा। स्त्री० १. घनता। २. गहराई। ३. भद्दापन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| निविल					 : | वि०=निविड़। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निविशमान					 : | वि० [सं०] जिसने कहीं निवास किया हो या जो कहीं निवास कर रहा हो। पुं० वह लोग जो किसी उपनिवेश में बसाये गये हों। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निविशेष					 : | वि० [सं० निर्विशेष] १. जिसमें दूसरों से कोई विशेषता न हो। साधारण। सामान्य। २. तुल्य। समान। पुं० १. समानता। २. एक-रूपता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निविष					 : | वि०=निर्विष (विषहीन)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निविष्ट					 : | वि० [सं० नि√विश् (प्रदेश)+क्त] [भाव० निविष्टता] १. बैठा हुआ। आसीन। २. जो कहीं निवेश बनाकर या डेरा डालकर ठहरा हो। ३. किसी काम या बात के लिए तत्पर या तुला हुआ। ४. (मन) एकाग्र करके नियंत्रित किया हुआ। ५. क्रम या व्यवस्था से लगाया हुआ। ६. जिसका प्रवेश हुआ हो। प्रविष्ट। ७. कहीं लिखा, दर्ज किया या चढ़ाया हुआ। (एन्टर्ड) ८. बाँधा या लपेटा हुआ। ९. ठहरा या ठहराया हुआ। स्थित। १॰. किसी के अन्दर भरा या रखा हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निविष्ट					 : | स्त्री० [सं० नि√विश्+क्तिन्] १. मैथुन या संभोग करना। २. विश्राम करना। ३. खाते आदि में लिखने, दर्ज करने या चढ़ाने की क्रिया या भाव। ४. इस प्रकार चढ़ी, चढ़ाई या लिखी हुई बात या रकम। (एन्ट्री) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवीत					 : | पुं० [सं० नि√व्ये (आच्छादन)+क्त] १. यज्ञोपवीत, जो गले में पहना हुआ हो। २. ओढ़ने का कपड़ा। चादर। ओढ़नी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवीती (तिन्)					 : | वि० [सं० निवीत+इनि] १. जो यज्ञोपवीत पहने हो। २. जो चादर ओढ़े हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवीर्य					 : | वि०=निर्वीर्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवृत्त					 : | भू० कृ० [सं० नि√वृत+क्त] १. वापस आया या लौटाया हुआ। २. जिसकी सांसारिक विषयों में प्रवृत्ति न रह गई हो। ३. जो कोई काम करके उससे छुट्टी पा चुका हो। जो अपना काम कर चुका हो। ४. (कार्य) जो पूरा हो चुका हो। मुक्त। पुं० १. आवरण। २. परदा। ३. लपेटने का कपड़ा। बेठन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवृत्ति					 : | स्त्री० [सं० नि√वृत्+क्तिन्] १. निवृत्त होने की क्रिया या भाव। २. वापस आना या लौटना। ३. किसी काम की प्रवृत्ति का अभाव होना। ४. सांसारिक विषयों का किया जानेवाला त्याग। ५. ‘प्रवृत्ति’ का विपर्याय। ६. छुटकारा। मुक्ति। ७. अपने कार्य या पद से अवकाश पाकर अथवा अवधि पूरी हो जाने पर सदा के लिए हट जाना। (रिटायरमेंट) ८. एक प्राचीन तीर्थ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवृत्तिक					 : | वि० [सं०] निवृत्ति-संबंधी। जैसे–निवृत्तिक मार्ग या साधना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेद					 : | पुं० [सं० नैवेद्य] देवता को चढ़ाया हुआ पदार्थ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेदक					 : | वि० [सं० नि√विद् (जानना)+णिच्+ण्वुल्–अक] (व्यक्ति) जो नम्रतापूर्वक किसी से कोई बात कहे। निवेदन करनेवाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेदन					 : | पुं० [सं० नि√विद्+णिच्+ल्युट्–अन] १. नम्रतापूर्वक किसी से कोई बात कहना। २. इस प्रकार कही हुई कोई बात जो प्रायः सुझाव के रूप में होती है। ३. समर्पण। ४. आहुति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेदन-पत्र					 : | पुं० [सं० ष० त०] वह पत्र जिसमें किसी एक या कई व्यक्तियों ने निवेदन लिखा हो। (लेटर आफ रिक्वेस्ट) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेदना					 : | स० [सं० निवेदन] १. विनती, निवेदन या प्रार्थना करना। २. सेवा में भेंट आदि के रूप में उपस्थित करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेदित					 : | भू० कृ० [सं० नि√विद्+णिच्+क्त] १. (बात) जो निवेदन या प्रार्थना के रूप में कही गई हो। २. (पदार्थ) जो भेंट आदि के रूप में अर्पित या समर्पित किया गया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेद्य					 : | पुं० [सं० नि√विद्+ण्यत्] नैवेद्य। (दे०) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेरना					 : | स०= निबेड़ना (निपटाना)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेरा					 : | वि० [हिं० नि+सं० वरण] [स्त्री० निवेरी] १. चुना या छाँटा हुआ। वि० [सं० नवल] १. नेवला। २. अनोखा। पुं०=निबेड़ा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेश					 : | पुं० [सं० नि√विश्+घञ्] [वि० नैवेशिक, भू० कृ० निवेशित, निविष्ट] १. डेरा। शिविर। २. प्रवेश। पैठ। ३. घर। मकान। ४. विवाह। ५. ठहराया या रखा जाना। स्थापन। ६. किसी निश्चय, विधि आदि में पड़नेवाली कठिनता या होनेवाली बाधा से बचने के लिए निकाला हुआ मार्ग या निश्चित किया हुआ विधान। (प्रॉविजन) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेशन					 : | पुं० [सं० नि√विश्+ल्युट्–अन] १. डेरा। २. घर। ३. नगर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेशनी					 : | स्त्री० [सं० निवेशन+ङीप्] पृथ्वी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेष्ट					 : | पुं० [सं० नि√वेष्ट् (लपेटना)+घञ्] १. वह कपड़ा जिसमें कोई चीज ढकी या लपेटी जाय। बेठन। २. सामवेद का एक प्रकार का मंत्र। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेष्टन					 : | पुं० [सं० नि√वेष्ट+ल्युट्–अन] १. ढकने या लपेटने की क्रिया या भाव। २. ढकने या लपेटनेवाली चीज। बेठन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निवेष्य					 : | पुं० [सं० नि√विष् (व्याप्ति)+ण्यत्] १. व्याप्ति। २. बरफ का पानी। ३. जल-स्तंभ। (देखें) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निव्याधी (धिन्)					 : | पुं० [सं० नि√व्यध् (मारना)+णिनि] एक रुद्र का नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| निव्यूढ़					 : | पुं० [सं० नि-वि√ऊह् (वितर्क)+क्त] १. अध्यवसाय। २. शक्ति। ३. उत्साह। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |