| शब्द का अर्थ | 
					
				| न्यस्त					 : | भू० कृ० [सं० नि√अस्+क्त] १. किसी स्थान पर विशेषतः नीचे धरा या रखा हुआ। २. जमाया, बैठाया या स्थापित किया हुआ। ३. चुनकर रखा या सजाया हुआ। ४. चलाया या फेंका हुआ। (अस्त्र) ५. छोड़ा या त्यागा हुआ। परित्यक्त। ६. न्यास के रूप में या अमानत रखा हुआ। जमा किया हुआ। ७. (धन) जो किसी विशिष्ट कार्य की सिद्धि के लिए अलग किया निकाला गया हो। ८. छिपा या दबा हुआ। निहित। | 
			
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				| न्यस्तलिंग					 : | पुं० दे० ‘लिंग’ (न्याय-शास्त्रवाला विवेचन)। | 
			
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				| न्यस्त-शस्त्र					 : | वि० [सं० ब० स०] १. जिसने डरकर या हारकर हथियार रख दिये हों। २. जिसने हथियार न चलाने की प्रतिज्ञा कर ली हो। पुं० पितृ लोक। | 
			
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