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			| शब्द का अर्थ |  
				| पंजीरी					 : | स्त्री० [हिं० पाँच+ईरी (प्रत्य०)] कई करह की चीजों और मसालों को भूनकर बनाया जाने वाला एक प्रकार का मीठा चूर्ण खो जाने में काम आता है। कसार। जैसे—सत्यनारायण की पूजा के लिए बनानेवाली पँजीरी; प्रसूता अथवा दुर्बलों को खिलाने के लिए बनाई जानेवाली पौष्टिक पँजीरी। स्त्री० [देश०] दक्षिण भारत में होनेवाला एक प्रकार का पौधा जिसके कुछ अंगों का उपयोग औषध के रूप में होता है। अज-पाद। इन्दुपर्णी। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |