| शब्द का अर्थ | 
					
				| पगा					 : | पुं० १.=पाग। (पगड़ी)। २.=पघा (पगहा)। ३.=पगरा। | 
			
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				| पगाना					 : | स० [हिं० पगना] १. पागने का काम किसी दूसरे से कराना। किसी को पागने में प्रवृत्त करना। २.(पदार्थ) ऐसी स्थिति में रखना कि वह पगे। ३. किसी को किसी ओर या किसी काम में अनुरक्त या पूर्ण रूप से प्रवृत्त करना। | 
			
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				| पगार					 : | पुं० [सं० प्राकार] १. चहारदीवारी। परकोटा। २. घेरा। ३. दीवार। पुं० [हिं० पग+गारना] १. पैरों से कुचलकर जोड़ाई के काम के लिए तैयार किया हुआ गारा। २. कीचड़। पुं० [फा० पायाब] वह नाला या नदी जिसे पैदल चलकर पार किया जा सके। उदा०—जल कै पगार, निज दल के सिंगार आदि...।—केशव। स्त्री० [पुर्त० पागा से मराठी] वेतन। | 
			
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				| पगारना					 : | स०=फैलाना। स० [हिं० पग+गारना] १. पैरों से मिट्टी को रौंदकर गारा बनाना। २. फैलाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पगाह					 : | पुं० [फा०] १. यात्रा आरंभ करने का उपयुक्त समय अर्थात् तड़का या प्रभात। २. प्रातःकाल। सबेरा। | 
			
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