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			| शब्द का अर्थ |  
				| पचड़ा					 : | पुं० [हिं० पाँच (प्रपंच)+ड़ा (प्रत्य०)] १.व्यर्थ की झंझट। बखेड़े का काम या बात। क्रि० प्र०—निकालना।—फैलाना। २. खयाल या लावनी की तरह का एक प्रकार का लोक-गीत जिसमें पाँच चरण या पद होते हैं। ३. एक प्रकार का गीत जो ओझा लोग देवी आदि के सामने गाते हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |