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			| शब्द का अर्थ |  
				| पच्चर					 : | पुं० [सं० पचित या पच्ची] १. बाँस,लकड़ी आदि का छोटा तथा पतला टुकड़ा जो काठ की चीजों के जोड़ कसने के लिए उनकी दरारों या संधियों में जड़ा,ठोंका या लगाया जाता है। क्रि० प्र०—जड़ना।—ठोंकना।—लगाना। २. लाक्षणिक रूप में व्यर्थ खड़ी की जानेवाली अड़चन बाधा या रुकावट। क्रि० प्र०—अड़ाना।—लगाना। मुहा०—पच्चर ठोंकना या मारना=तंग या परेशान करने के लिए बहुत बड़ी अड़चन या बाधा खड़ी करना। ऐसा उपाय करना कि काम किसी तरह आगे बढ़ ही न सके। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |