| शब्द का अर्थ | 
					
				| पछोड़न					 : | स्त्री० [हिं० पछोड़ना] अनाज पछोड़ने पर निकलने वाला कूड़ा-करकट। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पछोड़ना					 : | स० [सं० प्रक्षालन,प्रा० पच्छाड़ना] अन्न आदि सूप में रखकर इस प्रकार उछालना और हिलाना कि उसमें का कूड़ा-करकट निकलकर अलग हो जाय। (अनाज) फटकना। संयो० क्रि०—डालना।—देना। पद—पटकना-पछोड़ना=उलट-पुलटकर परीक्षा करना। अच्छी तरह देखना-भालना। उदा०—सूर जहाँ तौ स्याम गत है देखे फटकि पछोरी।—सूर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |