| शब्द का अर्थ | 
					
				| पजर					 : | पुं० [सं० प्रक्षरण] १. चूने या टपकने की क्रिया या भाव। २. पानी का झरना या सोता। स्त्री० [हिं० पजरना] पजरने अर्थात् जलने का भाव। | 
			
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				| पजरना					 : | अ० [सं० प्रज्वलन] १. प्रज्वलित होना। २. जलना। ३. तपना। स०=पजारना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पजरे					 : | क्रि० वि०=पास (निकट)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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