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			| शब्द का अर्थ |  
				| पट-बंधक					 : | पुं० [हिं० पटना+सं० बंधक] कोई संपत्ति बंधक या रेहन रखने का वह प्रकार जिसमें संपत्ति की सारी आय महाजन ले लेता है; और उस समय में से सूद निकाल लेने के बाद जो धन बच रहता है; वह मूल ऋण में जमा करता चलता है। सारा ऋण पट जाने पर संपत्ति महाजन के हाथ से निकलकर उसके वास्तविक स्वामी के हाथ में चली जाती है। वि० (मकान या स्थान) जो उक्त प्रकार से रेहन रखा गया हो। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |