| शब्द का अर्थ | 
					
				| पटे					 : | वि० [हिं० पटना] (ऋण,देन आदि) जो पट या पटाया जा चुका हो। पद—बर पटे=पूरी तरह से या बिलकुल चुकता। | 
			
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				| पटेबाज					 : | पुं० [हिं० पटा+फा० बाज] [भाव० पटेबाजी] १. वह जो पटा-बनेठी आदि खेलता या पटा हाथ में लेकर लड़ता हो। पटैता। २. मनुष्य के आकार का एक प्रकार का खिलौना जो डोरी खींचने से दोनों हाथों से पटा खेलता है। ३. उक्त प्रकार की एक आतिशबाजी। वि० १. दुश्चरित्रा और पुंश्चली। छिनाल। (स्त्री)। २. बहुत चालाक या धूर्त्त (पुरुष या स्त्री)। | 
			
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				| पटेबाजी					 : | स्त्री० [हिं० पटेबाज] १. पटेबाज का कार्य और कौशल। २. व्यभिचार। छिनाला। ३. धूर्तता। | 
			
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				| पटेर					 : | स्त्री० [सं० पटेरक] जलाशयों में होनेवाला सरकंडे की जाति का एक पौधा जिसके पत्तों की चटाइयाँ,टोकरियाँ आदि बनाई जाती हैं। | 
			
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				| पटेरा					 : | पुं० १.=पटेला। २.=पटरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पटेल					 : | पुं० [सं० पट्ट+हिं० वाल (प्रत्य०)] १. गांव का नंबरदार। (म० प्र०) २. गाँव का चौधरी या मुखिया। | 
			
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				| पटेलना					 : | स०=पटीलना। | 
			
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				| पटेला					 : | पुं०=पटैला। | 
			
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