| शब्द का अर्थ | 
					
				| पटोल					 : | पुं० [सं०√पटु+ओरी+ओलच्] १. गुजरात में बननेवाला एक तरह का रेशमी कपड़ा। २. परवल की लता और उसका फल। | 
			
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				| पटोलक					 : | पुं० [सं० पटोल√कै (चमकना)+क] सीपी। शुक्ति। | 
			
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				| पटोल-पत्र					 : | पुं० [ब० स०] एक तरह की पोई। | 
			
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				| पटोला					 : | पुं० [हिं० पटोल] १. एक तरह का रेशमी कपड़ा। २. कपड़े का वह छोटा टुकड़ा जिससे बच्चे खेलते हैं और विशेषतः जिसे गुड़िया को पहनाते हैं। (पश्चिम) | 
			
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				| पटोलिका					 : | स्त्री० [सं० पटोल+कन्—टाप्,इत्व] १. एक तरह का पट्टा। २. कोई लिखित विधिक मत। ३. पेटी। मंजूषा। उदा०—पटोलिका में अलाक्तक (महावर मनःशिला, हरिताल,हिंगुल और राजावर्त्त का चूर्ण रखा हुआ था।—हजारीप्रसाद द्विवेदी। ४. एक तरह की तरोई। | 
			
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				| पटोली					 : | स्त्री० पटोलिका।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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