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			| शब्द का अर्थ |  
				| पथराना					 : | अ० [हिं० पत्थर+आना (प्रत्य०)] १. सूखकर पत्थर की तरह कड़ा हो जाना। पत्थर की तरह कठोर तथा ठोस होना। २. सूखकर निष्प्रभ या शुष्क हो जाना। ३. पत्थर की तरह स्तब्ध और स्थिर हो जाना। जैसे—आँखें पथराना। स० १. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई चीज पत्थर की तरह कठोर, जड़ या नीरस हो जाय। २. किसी को आघात पहुँचाने के लिए उस पर पत्थर के टुकड़े आदि फेंकना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |