| शब्द का अर्थ | 
					
				| पद्य					 : | वि० [सं० पद्+यत्] १. पद (पैर अथवा चरण) संबंधी। २. जो पदों अर्थात् काव्य के रूप में हो। पुं० १. पद अर्थात् गण, मात्रा आदि के नियमों के अनुसार होनेवाली साहित्यिक रचना। छंदो-बद्ध रचना। (वर्स) २. काव्य। ३. शूद्र जिनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के चरणों से मानी जाती है। ४. शठता। | 
			
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				| पद्या					 : | स्त्री० [सं० पद्य+टाप्] १. पैदल चलने से बननेवाला रास्ता। पगडंडी। २. पटरी। ३. शर्करा। | 
			
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				| पद्यात्मक					 : | वि० [पद्य-आत्मन्, ब० स०+कप्] पद्य के रूप में होनेवाला। छंदोबद्ध। | 
			
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