| शब्द का अर्थ | 
					
				| पन्नग					 : | पुं० [सं० पन्न√गम् (जाना)+ड] [स्त्री० पन्नगी] १. सर्प। साँप। २. एक प्रकार की जड़ी या बूटी। ३. सीसा। पुं०=पन्ना (मरकत)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पन्नग-केसर					 : | पुं० [ब० स०] नागकेसर। | 
			
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				| पन्नगारि					 : | पुं० [पन्नग-अरि, ष० त०] गरुड़। | 
			
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				| पन्नगाशन					 : | पुं० [पन्नग-आशन, ब० स०] गरुड़। | 
			
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				| पन्नगिनि					 : | स्त्री०=पन्नगी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पन्नगी					 : | स्त्री० [सं० पन्नग+ङीष्] १. सर्पिणी। साँपिन। २. सर्पिणी नाम की जड़ी या बूटी। | 
			
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