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			| शब्द का अर्थ |  
				| पयाल					 : | पुं० [सं० पलाल] १. धान, कोदों आदि के सूखे हुए ऐसे डंठल जिनमें से दाने झाड़ लिये गये हों। पुराल। पुआल। पियरा। मुहा०—पयाल गाहना या झाड़ना=(क) ऐसा श्रम करना जिसका कुछ फल न हो। व्यर्थ मेहनत करना। उदा०—फिर फिर कहा पयारहि गाहे।—सूर। (ख) ऐसे व्यक्ति की सेवा करना जिससे कुछ लाभ न हो सकता हो। २. एक तरह का वृक्ष जिसके फल खट-मीठे होते हैं। ३. उक्त वृक्ष का फल। पुं० [सं० प्रियाल] चिरौंजी का पेड़। वि०=प्यारा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |