| शब्द का अर्थ | 
					
				| परकार					 : | पुं० [फा०] वृत्त या गोलाई बनाने का एक प्रसिद्ध औजार जो पिछले सिरों पर परस्पर जुड़ी हुई दो शलाकाओं के रूप में होता है। इसकी एक शलाका केन्द्र में रखकर दूसरी शलाका चारों ओर घुमाने से पूर्ण वृत्त बन जाता है। पुं०=प्रकार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परकारना					 : | स० [फा० परकार+हिं० ना (प्रत्य०)] परकार से वृत्त बनाना। स०=परकाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |