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			| शब्द का अर्थ |  
				| परछन					 : | स्त्री० [सं० परि+अर्चन] द्वार पर वर के पहुँचने पर होनेवाली एक रीति जिसमे स्त्रियाँ दही और अक्षत का टीका लगातीं, उसकी आरती करतीं तथा उसके ऊपर से मूसल, बट्टा आदि घुमाती हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| परछना					 : | स० [हिं० परछन] द्वार पर बरात लगने पर कन्या-पक्ष की स्त्रियों का वर की आरती आदि करना। परछन करना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |