| शब्द का अर्थ | 
					
				| परार्थ					 : | वि० [सं० पर-अर्थ, नित्य स०] [भाव० परार्थता] जो दूसरे के निमित्त हो। पुं० १. दूसरों का ऐसा काम जो उपकार की दृष्टि से किया जाता हो। २. दे० ‘परमार्थ।’ | 
			
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				| परार्थवाद					 : | पुं० [सं० ष० त०] यह सिद्धांत कि जहाँ तक हो सके, दूसरों का उपकार करते रहना चाहिए। (एल्ट्रू इज़्म) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परार्थवादी (दिन्)					 : | वि० [सं० परार्थ√वद् (बोलना)+ णिनि] परार्थवाद-संबंधी। पुं० १. परार्थवाद का अनुयायी। २. वह जो सदा दूसरों का उपकार करता हो। | 
			
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