| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिणत					 : | भू० कृ० [सं० परि√नम् (झुकना)+क्त] [भाव० परिणित] १. बहुत अधिक झुका या झुकाया झुकाया हुआ। बहुत अधिक नत। २. बहुत अधिक नम्र या विनीत। ३. जिसमें किसी प्रकार का परिवर्तन, रूपान्तर या विकार हुआ हो। जैसे—दूध जमाने पर दही के रूप में परिणत हो जाता है। ४. जो ठीक प्रकार से पका, बना या विकसित हुआ हो। ४. पचाया हुआ। ६. समाप्त। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परिणति					 : | स्त्री० [सं० परि√नम्+क्तिन्] १. परिणत होने की अवस्था या भाव। २. झुकाव। नति। ३. किसी प्रकार के परिवर्तन या विकार के कारण बननेवाला नया रूप। ४. अच्छी तरह पकने या पचने की क्रिया दशा या भाव। परिपाक। ५. पुष्टता। प्रौढ़ता। ६. वृद्धावस्था। ६. अंत। समाप्ति। | 
			
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