| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिरूप					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] १. कला, शिल्प आदि के क्षेत्र में, वह कलापूर्ण रेखा-चित्र जिसे आधार मानकर तथा जिसके अनुकरण पर कोई काम किया या रचना खड़ी की जाय। भाँत। २. उक्त के अनुकरण पर बनी हुई चीज। (डिज़ाइन, उक्त दोनों अर्थों में) जैसे—शहरों में कपड़ों और मकानों के नये-नये परिरूप देखने में आते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिरूपक					 : | पुं० [सं० परि√रूप् (रूपान्वित करना)+ णिच्+ण्वुल्—अक] वह शिल्पी जो विभिन्न वस्तुओं के नये-नये परिरूप बनाता हो। (डिज़ाइनर) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिरूप					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] १. कला, शिल्प आदि के क्षेत्र में, वह कलापूर्ण रेखा-चित्र जिसे आधार मानकर तथा जिसके अनुकरण पर कोई काम किया या रचना खड़ी की जाय। भाँत। २. उक्त के अनुकरण पर बनी हुई चीज। (डिज़ाइन, उक्त दोनों अर्थों में) जैसे—शहरों में कपड़ों और मकानों के नये-नये परिरूप देखने में आते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परिरूपक					 : | पुं० [सं० परि√रूप् (रूपान्वित करना)+ णिच्+ण्वुल्—अक] वह शिल्पी जो विभिन्न वस्तुओं के नये-नये परिरूप बनाता हो। (डिज़ाइनर) | 
			
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