| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिवाप					 : | पुं० [सं० परि√वप् (काटना)+घञ्] १. बाल आदि मूँड़ना। २. बोना। ३. जलाशय। ४. घर का उपयोगी सामान। ५. अनुचरवर्ग। ६. भूना हुआ चावल। लावा। फरुही। ६. छेना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिवापित					 : | भू० कृ० [सं० परि√वप्+णिच्+क्त] मूँड़ा हुआ। मुंडित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिवाप					 : | पुं० [सं० परि√वप् (काटना)+घञ्] १. बाल आदि मूँड़ना। २. बोना। ३. जलाशय। ४. घर का उपयोगी सामान। ५. अनुचरवर्ग। ६. भूना हुआ चावल। लावा। फरुही। ६. छेना। | 
			
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				| परिवापित					 : | भू० कृ० [सं० परि√वप्+णिच्+क्त] मूँड़ा हुआ। मुंडित। | 
			
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