| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिवेष					 : | पुं० [सं० परि√विष् (व्यक्ति)+घञ्] १. भोजन परसना या परोसना। २. चारों ओर से घेरकर रक्षा करनेवाली रचना या वस्तु। ३. परकोटा। प्राचीर। ४. दे० ‘परिवेश’। ५. दे० ‘प्रभावमंडल’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिवेषक					 : | पुं० [सं० परि√विष्+ण्वुल्—अक] वह व्यक्ति जो भोजन आदि परसता या परोसता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिवेषण					 : | पुं० [सं० परि√विष्+ल्युट्—अन] १. भोजन आदि परसने या या परोसने का काम। २. घेरा। परिधि। ३. दे० ‘परिवेष’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिवेष्टन					 : | पुं० [सं० परि√वेष्ट् (घेरना)+ल्युट्—अन] [भू० कृ० परिवेष्टित] १. किसी चीज को घेरना अथवा उसके चारों ओर घेरा बनाना। २. घेरा। परिधि। ३. छिपाने या ढकनेवाली चीज। आच्छादन। आवरण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परिवेष्टा (ष्दृ)					 : | पुं० [सं० परि√विष्+तृच] परिवेषक। (दे०) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परिवेष्टित					 : | भू० कृ० [सं० परि√वेष्ट्+क्त] १. जो चारों ओर से घिरा हुआ हो। २. ढका हुआ। आच्छादित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परिवेष					 : | पुं० [सं० परि√विष् (व्यक्ति)+घञ्] १. भोजन परसना या परोसना। २. चारों ओर से घेरकर रक्षा करनेवाली रचना या वस्तु। ३. परकोटा। प्राचीर। ४. दे० ‘परिवेश’। ५. दे० ‘प्रभावमंडल’। | 
			
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				| परिवेषक					 : | पुं० [सं० परि√विष्+ण्वुल्—अक] वह व्यक्ति जो भोजन आदि परसता या परोसता हो। | 
			
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				| परिवेषण					 : | पुं० [सं० परि√विष्+ल्युट्—अन] १. भोजन आदि परसने या या परोसने का काम। २. घेरा। परिधि। ३. दे० ‘परिवेष’। | 
			
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				| परिवेष्टन					 : | पुं० [सं० परि√वेष्ट् (घेरना)+ल्युट्—अन] [भू० कृ० परिवेष्टित] १. किसी चीज को घेरना अथवा उसके चारों ओर घेरा बनाना। २. घेरा। परिधि। ३. छिपाने या ढकनेवाली चीज। आच्छादन। आवरण। | 
			
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				| परिवेष्टा (ष्दृ)					 : | पुं० [सं० परि√विष्+तृच] परिवेषक। (दे०) | 
			
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				| परिवेष्टित					 : | भू० कृ० [सं० परि√वेष्ट्+क्त] १. जो चारों ओर से घिरा हुआ हो। २. ढका हुआ। आच्छादित। | 
			
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