| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिशुद्ध					 : | वि० [सं० प्रा० स०] [भाव० परिशुद्धता, परिशुद्धि] १. बिलकुल शुद्ध। विशेषतः जिसमें किसी दूसरी चीज का कुछ भी मेल न हो। खरा। २. जिसमें कुछ भी कमी-बेशी या भूल-चूक न हो। बिलकुल ठीक। (एक्योरेट) ३. चुकता किया हुआ। ४. छोड़ा या बरी किया हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिशुद्धता					 : | स्त्री० [सं० परिशुद्ध+तल्+टाप्]=परिशुद्ध। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिशुद्धि					 : | स्त्री० [सं० प्रा० स०] १. पूर्ण शुद्धि। सम्यक् शुद्धि। २. किसी बात या विषय की वह स्थिति जिसमें किसी प्रकार की कमी-बेशी या कोई भूल-चूक न हो। (एक्योरेसी)। ३. छुटकारा। मुक्ति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिशुद्ध					 : | वि० [सं० प्रा० स०] [भाव० परिशुद्धता, परिशुद्धि] १. बिलकुल शुद्ध। विशेषतः जिसमें किसी दूसरी चीज का कुछ भी मेल न हो। खरा। २. जिसमें कुछ भी कमी-बेशी या भूल-चूक न हो। बिलकुल ठीक। (एक्योरेट) ३. चुकता किया हुआ। ४. छोड़ा या बरी किया हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिशुद्धता					 : | स्त्री० [सं० परिशुद्ध+तल्+टाप्]=परिशुद्ध। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिशुद्धि					 : | स्त्री० [सं० प्रा० स०] १. पूर्ण शुद्धि। सम्यक् शुद्धि। २. किसी बात या विषय की वह स्थिति जिसमें किसी प्रकार की कमी-बेशी या कोई भूल-चूक न हो। (एक्योरेसी)। ३. छुटकारा। मुक्ति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |