शब्द का अर्थ
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परिष्कर :
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पुं० [सं० परि√कृ (करना)+अप्, सुट्] सजावट। सज्जा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करण :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० परिष्कृत] परिष्कार करने अर्थात् साफ और सुंदर बनाने की क्रिया या भाव। (एम्बेलिशमेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करण शाला :
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स्त्री० [सं०] वह स्थान जहाँ खनिज, तैल, धातुएँ आदि परिष्कृत या साफ की जाती हैं। (रिफाइनरी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करणी :
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स्त्री० [सं० परि√कृ+ल्युट्—अन, सुट्] वह कारखाना या स्थान जहाँ यंत्रों आदि की सहायता से तेलों, धातुओं आदि में की मैल निकालकर उन्हें परिष्कृत या साफ किया जाता हो। (रिफाइनरी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्कर :
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पुं० [सं० परि√कृ (करना)+अप्, सुट्] सजावट। सज्जा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करण :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० परिष्कृत] परिष्कार करने अर्थात् साफ और सुंदर बनाने की क्रिया या भाव। (एम्बेलिशमेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करण शाला :
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स्त्री० [सं०] वह स्थान जहाँ खनिज, तैल, धातुएँ आदि परिष्कृत या साफ की जाती हैं। (रिफाइनरी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिष्करणी :
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स्त्री० [सं० परि√कृ+ल्युट्—अन, सुट्] वह कारखाना या स्थान जहाँ यंत्रों आदि की सहायता से तेलों, धातुओं आदि में की मैल निकालकर उन्हें परिष्कृत या साफ किया जाता हो। (रिफाइनरी) |
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