| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिहरण					 : | पुं० [सं० परि√हृ (हरण करना)+ल्युट्—अन] [वि० परिहरणीय] १. किसी की चीज पर बिना उसके पूछे और बलपूर्वक किया जानेवाला अधिकार। २. परित्याग। ३. दोष आदि दूर करने का उपचार या प्रयत्न। निवारण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिहरणीय					 : | वि० [सं० परि√हृ+अनीयर्] १. जो छीना जा सके या छीने जाने के योग्य हो। २. त्याज्य। ३. जिसका उपचार या निवारण हो सके। निवार्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिहरण					 : | पुं० [सं० परि√हृ (हरण करना)+ल्युट्—अन] [वि० परिहरणीय] १. किसी की चीज पर बिना उसके पूछे और बलपूर्वक किया जानेवाला अधिकार। २. परित्याग। ३. दोष आदि दूर करने का उपचार या प्रयत्न। निवारण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिहरणीय					 : | वि० [सं० परि√हृ+अनीयर्] १. जो छीना जा सके या छीने जाने के योग्य हो। २. त्याज्य। ३. जिसका उपचार या निवारण हो सके। निवार्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |