| शब्द का अर्थ | 
					
				| परोस					 : | स्त्री० [हिं० परोसना] परोसने की क्रिया या भाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पड़ोस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोसना					 : | स० [सं० परिवेषण] खानेवाले की थाली या पत्तल में खाद्य पदार्थ रखना। जैसे—दाल, पूरी और मिठाई परोसना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोसा					 : | पुं० [हिं० परोसना] प्रायः एक आदमी के खाने भर का वह भोजन जो उसे अपने साथ ले जाने के लिए दिया अथवा उसके यहाँ भेजा जाता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोसी					 : | पुं० [स्त्री० परोसिनी]=पड़ोसी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोसैया					 : | पुं० [हिं० परोसना+ऐया (प्रत्य०)] वह व्यक्ति जो पंगत आदि में बैठे हुए लोगों के लिए भोजन परोसता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोस					 : | स्त्री० [हिं० परोसना] परोसने की क्रिया या भाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पड़ोस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परोसना					 : | स० [सं० परिवेषण] खानेवाले की थाली या पत्तल में खाद्य पदार्थ रखना। जैसे—दाल, पूरी और मिठाई परोसना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| परोसा					 : | पुं० [हिं० परोसना] प्रायः एक आदमी के खाने भर का वह भोजन जो उसे अपने साथ ले जाने के लिए दिया अथवा उसके यहाँ भेजा जाता है। | 
			
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				| परोसी					 : | पुं० [स्त्री० परोसिनी]=पड़ोसी। | 
			
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				| परोसैया					 : | पुं० [हिं० परोसना+ऐया (प्रत्य०)] वह व्यक्ति जो पंगत आदि में बैठे हुए लोगों के लिए भोजन परोसता हो। | 
			
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