| शब्द का अर्थ | 
					
				| पलड़ा					 : | पुं० [सं० पटल] १. तराजू के दोनों लटकते हुए भागों में से एक। २. शक्ति, समर्थता आदि की दृष्टि से दो पक्षों, दलों आदि में से कोई एक। जैसे—समाज-वादियों की अपेक्षा काँग्रेसियों का पलड़ा भारी है। मुहा०—(किसी का) पलड़ा भारी होना=अपने विरोधी की अपेक्षा शक्ति का संतुलन अधिक होना। पुं०=पल्ला (धोती आदि का आँचल)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलड़ा					 : | पुं० [सं० पटल] १. तराजू के दोनों लटकते हुए भागों में से एक। २. शक्ति, समर्थता आदि की दृष्टि से दो पक्षों, दलों आदि में से कोई एक। जैसे—समाज-वादियों की अपेक्षा काँग्रेसियों का पलड़ा भारी है। मुहा०—(किसी का) पलड़ा भारी होना=अपने विरोधी की अपेक्षा शक्ति का संतुलन अधिक होना। पुं०=पल्ला (धोती आदि का आँचल)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |