| शब्द का अर्थ | 
					
				| पलव					 : | पुं० [सं०√पल्+अच्, पल√वा (हिंसा)+क] १. मछलियाँ फँसाने का एक तरह का बाँस की खपाचियों का बना हुआ झाबा। २. मछलियाँ पकड़ने का जाल। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलवल					 : | स्त्री० [?] १. पारस्परिक आत्मीयता या घनिष्टता। २. सामंजस्य। मुहा०—पलवल मिलाना=किसी प्रकार की संगति या सामंजस्य स्थापित करना। पुं०=परवल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलवा					 : | पुं० [सं० पल्लव] १. ऊख के पौधे की ऊपरी कुछ पोरें जो प्रायः कम मीठी होती हैं। अगौरा। कौंचा। २. पंजाब के कुछ प्रदेशों में होनेवाली एक घास जिसे भैंस चाव से खाती हैं। ३. अंजलि। चुल्लू। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलवान					 : | पुं०=पलवा (घास)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलवाना					 : | स० [हिं० पालना] १. किसी को पालने में प्रवृत्त करना। २. किसी से पालन कराना। पालन करने के लिए प्रवृत्त करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पलवार					 : | पुं० [हिं० पल्लव] कुछ विशिष्ट जातियों के ऊख के गंडों में अँखुएँ निकलने पर उन्हें बबूल के काँटों, अरहर के डंठलों आदि से ढकने की एक रीति। पुं० [हिं० पाल+वार (प्रत्य०)] पाल आदि की सहायता से चलनेवाली एक प्रकार की बड़ी नाव जिस पर माल लादा जाता है। पटैला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पलवारी					 : | पुं० [हिं० पलवार] नाविक। मल्लाह। | 
			
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				| पलवाल					 : | वि० [सं० पल=मांस+वाल (प्रत्य०)] १. मांस-भक्षी। २. हृष्ट-पुष्ट। | 
			
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				| पलवैया					 : | वि० [हिं० पालन+वैया (प्रत्य०)] पालन-पोषण करनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [हिं० पलवाना] पालन-पोषण करनेवाला। | 
			
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				| पलव					 : | पुं० [सं०√पल्+अच्, पल√वा (हिंसा)+क] १. मछलियाँ फँसाने का एक तरह का बाँस की खपाचियों का बना हुआ झाबा। २. मछलियाँ पकड़ने का जाल। | 
			
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				| पलवल					 : | स्त्री० [?] १. पारस्परिक आत्मीयता या घनिष्टता। २. सामंजस्य। मुहा०—पलवल मिलाना=किसी प्रकार की संगति या सामंजस्य स्थापित करना। पुं०=परवल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पलवा					 : | पुं० [सं० पल्लव] १. ऊख के पौधे की ऊपरी कुछ पोरें जो प्रायः कम मीठी होती हैं। अगौरा। कौंचा। २. पंजाब के कुछ प्रदेशों में होनेवाली एक घास जिसे भैंस चाव से खाती हैं। ३. अंजलि। चुल्लू। | 
			
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				| पलवान					 : | पुं०=पलवा (घास)। | 
			
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				| पलवाना					 : | स० [हिं० पालना] १. किसी को पालने में प्रवृत्त करना। २. किसी से पालन कराना। पालन करने के लिए प्रवृत्त करना। | 
			
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				| पलवार					 : | पुं० [हिं० पल्लव] कुछ विशिष्ट जातियों के ऊख के गंडों में अँखुएँ निकलने पर उन्हें बबूल के काँटों, अरहर के डंठलों आदि से ढकने की एक रीति। पुं० [हिं० पाल+वार (प्रत्य०)] पाल आदि की सहायता से चलनेवाली एक प्रकार की बड़ी नाव जिस पर माल लादा जाता है। पटैला। | 
			
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				| पलवारी					 : | पुं० [हिं० पलवार] नाविक। मल्लाह। | 
			
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				| पलवाल					 : | वि० [सं० पल=मांस+वाल (प्रत्य०)] १. मांस-भक्षी। २. हृष्ट-पुष्ट। | 
			
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				| पलवैया					 : | वि० [हिं० पालन+वैया (प्रत्य०)] पालन-पोषण करनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [हिं० पलवाना] पालन-पोषण करनेवाला। | 
			
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