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			| शब्द का अर्थ |  
				| पवर					 : | स्त्री०=पँवरी (ड्योढ़ी)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवरिया					 : | पुं०=पौरिया (१. द्वारपाल। २. मंगल-गीत गानेवाला याचक)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवरी					 : | स्त्री०=पँवरी (ड्योढ़ी)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवर्ग					 : | पुं० [सं० ष० त०] व्याकरण में, प, फ, ब, भ और म इन पाँच अक्षरों या वर्णों की सामूहिक संज्ञा। ये सभी ओष्ठ्य तथा स्पर्श हैं, किन्तु प, फ, अधोष और ब, भ, म घोष हैं तथा प, ब, म अल्पप्राण और फ, भ महाप्राण हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवर					 : | स्त्री०=पँवरी (ड्योढ़ी)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवरिया					 : | पुं०=पौरिया (१. द्वारपाल। २. मंगल-गीत गानेवाला याचक)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवरी					 : | स्त्री०=पँवरी (ड्योढ़ी)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पवर्ग					 : | पुं० [सं० ष० त०] व्याकरण में, प, फ, ब, भ और म इन पाँच अक्षरों या वर्णों की सामूहिक संज्ञा। ये सभी ओष्ठ्य तथा स्पर्श हैं, किन्तु प, फ, अधोष और ब, भ, म घोष हैं तथा प, ब, म अल्पप्राण और फ, भ महाप्राण हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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