| शब्द का अर्थ | 
					
				| पश्चात्ताप					 : | पुं० [सं० मध्य स०] अपने किसी कर्म के अनौचित्य का भान होने पर मन में होनेवाला दुःख जो यह सोचने को विवश करता है कि मैंने यह काम क्यों किया। २. किसी किये हुए अनुचित कर्म के पाप से मुक्त होने के लिए अथवा अपनी आत्मा को शांति देने के लिए किया जानेवाला तप। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पश्चात्तापी (पिन्					 : | वि० [सं० पश्चात्ताप+इनि] जो पश्चात्ताप करता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पश्चात्ताप					 : | पुं० [सं० मध्य स०] अपने किसी कर्म के अनौचित्य का भान होने पर मन में होनेवाला दुःख जो यह सोचने को विवश करता है कि मैंने यह काम क्यों किया। २. किसी किये हुए अनुचित कर्म के पाप से मुक्त होने के लिए अथवा अपनी आत्मा को शांति देने के लिए किया जानेवाला तप। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पश्चात्तापी (पिन्					 : | वि० [सं० पश्चात्ताप+इनि] जो पश्चात्ताप करता हो। | 
			
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