| शब्द का अर्थ | 
					
				| पसली					 : | स्त्री० [सं० पर्शका] स्तनपायी जीवों की छाती के दोनों ओर की गोलाकार हड्डियों में से हर एक। पद—पसली का रोगा=एक रोग जिसमें बच्चों का साँस जोरों से चलने लगता है। मुहा०—पसली फड़कना या फड़क उठना=मन में उत्साह या उमंग उत्पन्न होना। जोश आना। पसली ढीली करना या तोड़ना=बहुत अधिक मारना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पसली					 : | स्त्री० [सं० पर्शका] स्तनपायी जीवों की छाती के दोनों ओर की गोलाकार हड्डियों में से हर एक। पद—पसली का रोगा=एक रोग जिसमें बच्चों का साँस जोरों से चलने लगता है। मुहा०—पसली फड़कना या फड़क उठना=मन में उत्साह या उमंग उत्पन्न होना। जोश आना। पसली ढीली करना या तोड़ना=बहुत अधिक मारना। | 
			
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