| शब्द का अर्थ | 
					
				| पसाना					 : | स० [सं० प्रस्रवण, हिं० पसावना] [भाव० पसाई] १. पकाये हुए चावलों में से माँड़ निकालना। २. किसी वस्तु में से उसका जलीय अंश बाहर निकालना। अ [सं० प्रसादन] अनुग्रह आदि करने के लिए किसी पर प्रसन्न होना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पसाना					 : | स० [सं० प्रस्रवण, हिं० पसावना] [भाव० पसाई] १. पकाये हुए चावलों में से माँड़ निकालना। २. किसी वस्तु में से उसका जलीय अंश बाहर निकालना। अ [सं० प्रसादन] अनुग्रह आदि करने के लिए किसी पर प्रसन्न होना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |