| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाँग					 : | पुं० [सं० पंक] वह नई जमीन जो किसी नदी के पीछे हट जाने से उसके किनारे पर निकलती है। कछार। खादर। गंगबरार। पुं०[?] जुलाहों के करघे का ढाँचा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाँगल					 : | पुं० [सं० पांगुल्य] ऊँट। (डिं०) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाँगा					 : | पुं०=पाँगा नमक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पाँगा नमक					 : | पुं० [सं० पंक, हिं० पाँग+नोन]=समुद्री नमक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पाँगा नोन					 : | पुं०=पाँगा नमक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाँगुर					 : | स्त्री० [हिं० पाँव+उँगली] पैर की कोई उँगली। वि०=पंगुल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पाँगुरना					 : | अ० [?] पनपना। | 
			
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				| पाँगुरा					 : | वि०=पांगुर (पंगुल)। | 
			
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				| पाँगुल					 : | वि०=पंगुल। | 
			
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				| पांगुल्य					 : | पुं० [सं० पंगुल+ष्यञ्] पंगुल होने की अवस्था या भाव। लंगड़ापन। | 
			
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				| पाँग					 : | पुं० [सं० पंक] वह नई जमीन जो किसी नदी के पीछे हट जाने से उसके किनारे पर निकलती है। कछार। खादर। गंगबरार। पुं०[?] जुलाहों के करघे का ढाँचा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पाँगल					 : | पुं० [सं० पांगुल्य] ऊँट। (डिं०) | 
			
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				| पाँगा					 : | पुं०=पाँगा नमक। | 
			
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				| पाँगा नमक					 : | पुं० [सं० पंक, हिं० पाँग+नोन]=समुद्री नमक। | 
			
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				| पाँगा नोन					 : | पुं०=पाँगा नमक। | 
			
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				| पाँगुर					 : | स्त्री० [हिं० पाँव+उँगली] पैर की कोई उँगली। वि०=पंगुल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पाँगुरना					 : | अ० [?] पनपना। | 
			
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				| पाँगुरा					 : | वि०=पांगुर (पंगुल)। | 
			
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				| पाँगुल					 : | वि०=पंगुल। | 
			
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				| पांगुल्य					 : | पुं० [सं० पंगुल+ष्यञ्] पंगुल होने की अवस्था या भाव। लंगड़ापन। | 
			
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