| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाटलि					 : | स्त्री० [सं०√पट्+णिच्+अलि] १. पाडर का वृक्ष। २. पांडुफली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलिक					 : | वि० [सं० पाटलि+कन्] १. जो दूसरों के भेद या रहस्य जानता हो। २. जिसे देश और काल का ज्ञान हो। पुं० १. चेला। शिष्य। २. पाटलिपुत्र नगर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलित					 : | भू० कृ० [सं० पाटल+णिच्+क्त] गुलाबी रंग में रँगा हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलि-पुत्र					 : | पुं० [सं० ष० त० ?] अज्ञातशत्रु द्वारा बसाई हुई प्राचीन मगध की एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी जो आधुनिक पटना नगर के पास थी। पुष्पपुर। कुसुमपुर। विशेष—कुल लोग वर्तमान पटने को ही पाटिलपुत्र समझते हैं परंतु पटना शेरशाह सूरी का बसाया हुआ है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलिमा (मन्)					 : | स्त्री० [सं० पाटल+इमनिच्] १. गुलाबी रंग। २. गुलाबी रंगत। ३. गुलाबी होने की अवस्था या भाव। गुलाबीपन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलि					 : | स्त्री० [सं०√पट्+णिच्+अलि] १. पाडर का वृक्ष। २. पांडुफली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाटलिक					 : | वि० [सं० पाटलि+कन्] १. जो दूसरों के भेद या रहस्य जानता हो। २. जिसे देश और काल का ज्ञान हो। पुं० १. चेला। शिष्य। २. पाटलिपुत्र नगर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पाटलित					 : | भू० कृ० [सं० पाटल+णिच्+क्त] गुलाबी रंग में रँगा हुआ। | 
			
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				| पाटलि-पुत्र					 : | पुं० [सं० ष० त० ?] अज्ञातशत्रु द्वारा बसाई हुई प्राचीन मगध की एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी जो आधुनिक पटना नगर के पास थी। पुष्पपुर। कुसुमपुर। विशेष—कुल लोग वर्तमान पटने को ही पाटिलपुत्र समझते हैं परंतु पटना शेरशाह सूरी का बसाया हुआ है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पाटलिमा (मन्)					 : | स्त्री० [सं० पाटल+इमनिच्] १. गुलाबी रंग। २. गुलाबी रंगत। ३. गुलाबी होने की अवस्था या भाव। गुलाबीपन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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