| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाड़					 : | पुं० [हिं० पाठ] १. धोती, साड़ी का किनारा। २. मंचान। ३. लकड़ी की वह जाली या ठठरी जो कूएँ के मुँह पर रखी रहती है। कटकर। चह। ४. पानी आदि रोकने का पुश्ता या बाँध। ५. वह तख्ता जिस पर अपराधी को फाँसी देने के समय खड़ा करते हैं। टिकठी। ६. इमारत बनाने के लिए खड़ा किया जानेवाला बांसों का ढाँचा। पाइट। उदा०—बोसे की गर हविस हो तो गिर्द उसके पाड़ बाँध।—कोई शायर। ७. दो दीवारों के बीट पटिया देकर या पाटकर बनाया हुआ आधार। पाटा। दासा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाड़प्तालो					 : | पुं० [देश०] १. दक्षिण भारत के जुलाहों की जाति। २. उक्त जाति का जुलाहा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाड़ा					 : | पुं० [सं० पट्टन] १. किसी बस्ती में कुछ घरों का अलग विभाग या समूह। डोला। मुहल्ला। जैसे—धोबी पाड़ा, मोची पाड़ा। २. खेत की सीमा या हद। पुं० [हिं० पाठा] [स्त्री० पड़िया, पाड़ी] भैंस का बच्चा। पँड़वा। पुं० [देश०] एक तरह की बड़ी समुद्री मछली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाड़					 : | पुं० [हिं० पाठ] १. धोती, साड़ी का किनारा। २. मंचान। ३. लकड़ी की वह जाली या ठठरी जो कूएँ के मुँह पर रखी रहती है। कटकर। चह। ४. पानी आदि रोकने का पुश्ता या बाँध। ५. वह तख्ता जिस पर अपराधी को फाँसी देने के समय खड़ा करते हैं। टिकठी। ६. इमारत बनाने के लिए खड़ा किया जानेवाला बांसों का ढाँचा। पाइट। उदा०—बोसे की गर हविस हो तो गिर्द उसके पाड़ बाँध।—कोई शायर। ७. दो दीवारों के बीट पटिया देकर या पाटकर बनाया हुआ आधार। पाटा। दासा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाड़प्तालो					 : | पुं० [देश०] १. दक्षिण भारत के जुलाहों की जाति। २. उक्त जाति का जुलाहा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाड़ा					 : | पुं० [सं० पट्टन] १. किसी बस्ती में कुछ घरों का अलग विभाग या समूह। डोला। मुहल्ला। जैसे—धोबी पाड़ा, मोची पाड़ा। २. खेत की सीमा या हद। पुं० [हिं० पाठा] [स्त्री० पड़िया, पाड़ी] भैंस का बच्चा। पँड़वा। पुं० [देश०] एक तरह की बड़ी समुद्री मछली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |