| शब्द का अर्थ | 
					
				| पामा					 : | पुं० [सं० पामन्+डाप्] १. एक प्रकार का चर्म रोग जिसमें शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं और उनमें की छोटी छोटी फुंसियों में से पानी बहता है। (एंग्जिमा) २. खाज या खुजली नामक रोग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पामारि					 : | पुं० [पामा-अरि, ष० त०] गंधक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पामाल					 : | वि० [फा०] [भाव० पामाली] १. पैर से कुचला या पाँव तले रौंदा हुआ। पद-दलित। २. बुरी तरह से तबाह या बरबाद। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पामाली					 : | स्त्री० [फा०] १. पामाल होने की अवस्था या भाव। २. तबाही। बरबादी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पामा					 : | पुं० [सं० पामन्+डाप्] १. एक प्रकार का चर्म रोग जिसमें शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं और उनमें की छोटी छोटी फुंसियों में से पानी बहता है। (एंग्जिमा) २. खाज या खुजली नामक रोग। | 
			
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				| पामारि					 : | पुं० [पामा-अरि, ष० त०] गंधक। | 
			
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				| पामाल					 : | वि० [फा०] [भाव० पामाली] १. पैर से कुचला या पाँव तले रौंदा हुआ। पद-दलित। २. बुरी तरह से तबाह या बरबाद। | 
			
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				| पामाली					 : | स्त्री० [फा०] १. पामाल होने की अवस्था या भाव। २. तबाही। बरबादी। | 
			
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