शब्द का अर्थ
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पावक :
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वि० [सं०√पू (पवित्र करना)+ण्वुल्—अक] पवित्र करनेवाला। पुं० १. अग्नि। आग। २. अग्निमंथ या अगियारी नामक वृक्ष। ३. चित्रक या चीता नामक वृक्ष। ४. भिलावाँ। ५. बाय-बिडंग। ६. कुसुम। बर्रे। ७. वरुण वृक्ष। ८. सूर्य। ९. सदाचार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पावक-प्रणि :
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पुं० [सं० कर्म० स०] सूर्य्यकान्त मणि। आतशी शीशा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पावका :
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स्त्री० [सं० पाव√कै+क+टाप्] सरस्वती। (वेद) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पावकात्मज :
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पुं० [सं० पावक-आत्मज, ष० त०] पावकि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पावकि :
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पुं० [सं० पावक+इञ्] १. पावक का पुत्र। कार्तिकेय। २. इक्ष्वाकुवंशीय दुर्योधन की कन्या सुदर्शना का पुत्र सुदर्शन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पावकी :
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स्त्री० [सं० पावक+ङीष्] १. अग्नि की स्त्री। २. सरस्वती। (वेद) |
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पावक :
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वि० [सं०√पू (पवित्र करना)+ण्वुल्—अक] पवित्र करनेवाला। पुं० १. अग्नि। आग। २. अग्निमंथ या अगियारी नामक वृक्ष। ३. चित्रक या चीता नामक वृक्ष। ४. भिलावाँ। ५. बाय-बिडंग। ६. कुसुम। बर्रे। ७. वरुण वृक्ष। ८. सूर्य। ९. सदाचार। |
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पावक-प्रणि :
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पुं० [सं० कर्म० स०] सूर्य्यकान्त मणि। आतशी शीशा। |
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पावका :
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स्त्री० [सं० पाव√कै+क+टाप्] सरस्वती। (वेद) |
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पावकात्मज :
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पुं० [सं० पावक-आत्मज, ष० त०] पावकि। |
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पावकि :
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पुं० [सं० पावक+इञ्] १. पावक का पुत्र। कार्तिकेय। २. इक्ष्वाकुवंशीय दुर्योधन की कन्या सुदर्शना का पुत्र सुदर्शन। |
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पावकी :
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स्त्री० [सं० पावक+ङीष्] १. अग्नि की स्त्री। २. सरस्वती। (वेद) |
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