| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिंडक					 : | पुं० [सं० पिण्ड√कै (चमकना)+क] १. गोलाकार पिंड। गोला। २. पिंडालू। ३. लोबान। ४. बोल। मुरमक्की। ५. गिलट। ६. शिला रस। ७. गाजर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडकर					 : | पुं० [सं०] प्राचीन भारत में, ऐसा कर जिसकी राशि एक बार निश्चित कर दी जाती थी और जिसके मान में सहसा कोई परिवर्तन नहीं होता था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडका					 : | स्त्री० [सं० पिंडक+टाप्] छोटी माता या चेचक नाम का रोग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडकी					 : | स्त्री०=पंडुक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडक					 : | पुं० [सं० पिण्ड√कै (चमकना)+क] १. गोलाकार पिंड। गोला। २. पिंडालू। ३. लोबान। ४. बोल। मुरमक्की। ५. गिलट। ६. शिला रस। ७. गाजर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडकर					 : | पुं० [सं०] प्राचीन भारत में, ऐसा कर जिसकी राशि एक बार निश्चित कर दी जाती थी और जिसके मान में सहसा कोई परिवर्तन नहीं होता था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडका					 : | स्त्री० [सं० पिंडक+टाप्] छोटी माता या चेचक नाम का रोग। | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडकी					 : | स्त्री०=पंडुक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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