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			| शब्द का अर्थ |  
				| पिंडकर					 : | पुं० [सं०] प्राचीन भारत में, ऐसा कर जिसकी राशि एक बार निश्चित कर दी जाती थी और जिसके मान में सहसा कोई परिवर्तन नहीं होता था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पिंडकर					 : | पुं० [सं०] प्राचीन भारत में, ऐसा कर जिसकी राशि एक बार निश्चित कर दी जाती थी और जिसके मान में सहसा कोई परिवर्तन नहीं होता था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |